Homeविशिष्ट हिन्दी आशुलिपि लघुकोष (हिन्दी-आशुलिपि डिक्शनरी) (Vishisht Aashulipi Dictionary) e-book/pdf
विशिष्ट हिन्दी आशुलिपि लघुकोष (हिन्दी-आशुलिपि डिक्शनरी) (Vishisht Aashulipi Dictionary) e-book/pdf
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आशुलिपि कोश की उपादेयता


राजभाषा हिन्दी और देवनागरी लिपि का व्यवहार जिन पूर्वाग्रहों का शिकार रहा है उनमें एक हिन्दी आशुलिपि से संबंध रखता है। हिन्दी के बारे में ऐसे पूर्वाग्रह फैलाने वाले अधिकतर ऐसे लोग हैं जो हिन्दी आशुलिपि को विभागीय प्रश्न बनाकर हिन्दी आशुलिपि में लिखे गए साहित्य एवं उच्चतम व्यावहारिक एवं शैक्षिक स्तर की उपलब्धियों की अनदेखी कर हिन्दी आशुलिपि में अपेक्षित प्रगति को हतोत्साहित करते रहे हैं।

भाषा-विज्ञान की अज्ञानता से ग्रसित इन कतिपय पूर्वाग्रहों की परवाह न करते हुए लेखक ने जिस विशिष्ट पद्धति का निर्माण किया और उसका सहायक साहित्य तैयार किया, उसे सरकारी मान्यता मिलने से अब प्रशिक्षार्थी पूरी तरह आश्वस्त हो गए हैं कि विशिष्ट साहित्य के प्रयोग से उनके लक्ष्यों की पूर्ति सरलता और शीघ्रता से हो सकती हैं । पिछले दो दशकों में उच्चतम व्यावहारिक पदों और उच्चतम शैक्षिक स्तर भी प्राप्त करने में विशिष्ट आशुलेखक सफल रहे हैं । इसी श्रृंखला में आशुलेखकों के दैनिक उपयोग का यह लघुकोश तैयार किया गया है।


आशुलेखकों को हिन्दी में काम करते समय हिन्दी के साथ अन्य भाषाओं विशेषकर अंग्रेज़ी के प्रचलित शब्दों का प्रयोग करना पड़ता है और अनेक अंग्रेज़ी शब्दों के आशुलेख बनाना कठिन होता है। इसलिए इस कोश के अंत में अंग्रेज़ी के बहु-प्रचलित शब्दों के अर्थ एवं आशुलेख भी दिए गए हैं ताकि सही लिखने में सहायता मिले। इन शब्दों को अंग्रेज़ी क्रम में उनके हिन्दी उच्चारण एवं अर्थ सहित दिया गया है जिससे उन्हें ढूंढना सरल हो और अंग्रेजी शब्दों की सही वर्तनी (स्पेलिंग) एवं अर्थ का भी ज्ञान हो सके। इसके साथ ही अंग्रेजी के बहुप्रचलित पदनाम वाक्यांशों की भी सूची अंग्रेज़ी-हिन्दी में देकर आशुलेखकों का मार्गदर्शन किया गया है।


मुझे आशा है कि हिन्दी एवं अंग्रेजी के बहु-प्रयुक्त लगभग 10,000 शब्दों व पदनामों का यह लघुकोश प्रशिक्षार्थियों एवं कार्यालयों में कार्यरत आशुलिपिकों के दैनिक उपयोग के लिए बहुत ही सहायक सिद्ध होगा।



दिनांक 26 जनवरी, 2002 डॉ.गोपाल दत्त बिष्ट


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